लेख पं दीन दयाल उपाध्याय के विचारों, सिद्धांतों और राज्य एवं निजी जीवन के आधारभूत मूल्यों का अध्ययन प्रस्तुत करता है। वर्तमान में दीन दयाल उपाध्याय पर हुए शोध एकतरफा दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं, जो पं उपाध्याय के जीवन, विचारों एवं सिद्धांतों का एक सारगर्भित अध्ययन प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं। ये लेख ना केवल पं उपाध्याय के विभिन्न विचारों और सिद्धांतों का एक विश्लेषण प्रस्तुत करता है, बल्कि उनपर हुए एकतरफा अध्ययन की भी आलोचना करता है। अंत में लेख पं उपाध्याय के विचारों एवं सिद्धांतों को वर्तमान परिप्रेक्ष्य से जोड़ता है और ये जानने का प्रयास करता है के किन आधारों पर पं उपाध्याय के विचार आज के भारत में ज्यादा प्रासंगिक हैं और इन्हें दैनिक, सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन में अपनाना क्यों अनिवार्य है।